सुकून
सुकून
तलाश है जिंदगी की सुकून
तपस्या जारी है परमात्मा की
मिलन है प्रेम और आत्मा का
जारी है वजीफा की एक दिन
होगा मिलन हमारी आत्मा का महानता से
चाहिए सुकून मिलना है एकांतता से
सब्र जारी व्याकुलता का विरोध
प्रेम के आगे धीमा पड़ गया है हमारा क्रोध
मिलन है परमात्मा से किस बात का शोध
पहनकर चोला एकांतता ले लिया यह जोग
भटक गया कहीं धनवान बनने का रोग
बन गया है परमात्मा जीवन का योग
परमात्मा का जीवन मैं है सहयोग
अकेले होने का अनुभव चाहे
हो हजारों में लोग
धन का मोल नहीं मीठी बोली
और प्रेम शिवा कोई भूख नहीं
एकाग्रता यह जीवन का सार
प्यारा है हमें यह संसार
घर बार बन गया यह संसार
सुख नहीं है जीवन की लालसा
रहूं उसकी शरण में बस यही अभिलाषा
सुकून कि जारी रहे मन में जिज्ञासा
अब मिल जाए हमें परमात्मा
यही प्रेम की प्रतीक्षा...