रंग
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जिंदगी बेरंग है फिर भी
साथ साथ एक उमंग है ,
रेशम की डोरी की डोरी से जंग है
रिश्तो की कैसी यह भिड़ंत है,
खुशियों का हमसे ना कोई सॉन्ग है
जिंदगी गुलजार होकर भी बेरंग है ,,
किस डोरी में बंधे यह पंख है
आजाद हैं हम फिर भी कैद हैं ,,
दुनिया का अमाल हम पर फैज है
फिरभी हम दुनिया से बेखौफ है,,,,
अनोखे हम नहीं मुश्किल में और हैं
फिर भी हमारी खुद से ही जंग है,,
हम खुद के ही गैर
खुश तो हम सबके बगैर हैं ,,
हम खुद में ही कैद हैं
आजाद दुनिया की भीड़ है ,,
दौलत के सब अमीर है
पक्का सिर्फ हमारा जमीर है
हम खुदके ही करीब है,,
किरदार पर हमारे लाखों सवाल हैं
फिर भी खुद पर हम बेमिसाल है,, !!
