STORYMIRROR

Praveen Gola

Abstract

4  

Praveen Gola

Abstract

पौधे

पौधे

1 min
433

जून बाईस की सुबह आराम करा,

फिर नाश्ते में छोले - भटूरे से पेट भरा,

उसके बाद की पौधों से वार्तालाप,

जो बालकनी में उग रहे हमारे साथ।


पौधों में भी श्वास है बसती,

उनके संग भी थोड़ी कर लो मस्ती,

वो बिन कुछ लिए सब कुछ देते,

हम फिर भी उनकी सुध ना लेते।


दोपहर में उनके लिए कोकोपीट बनाया,

घर की कम्पोस्ट से उन्हें खिलाया,

उनको भी चाहिए सही खाद और पानी,

तभी तो देंगे वो तुम्हे ज़वानी।


कितनी औषधियाँ पौधों से बनती,

तुलसी हमको तंदुरुस्त रखती,

करीपत्ता खाने का स्वाद बढ़ाता,

गिलोय रोग - प्रति रोधक क्षमता बढ़ाता।


रात सोने से पहले काढ़ा बनाया,

पौधों का अस्तित्व ही तब बड़ा काम आया,

बिस्तर पर भी मन ही मन उन्हें धन्यवाद किया,

और पौधे लगाने का फिर निश्चय किया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract