बिस्तर पर भी मन ही मन उन्हें धन्यवाद किया, और पौधे लगाने का फिर निश्चय किया। बिस्तर पर भी मन ही मन उन्हें धन्यवाद किया, और पौधे लगाने का फिर निश्चय किया।
ना काट इन पेड़ों को तू, खुद को तबाही के तरफ तू खींचने लगा है.. ना काट इन पेड़ों को तू, खुद को तबाही के तरफ तू खींचने लगा है..
शांत वातावरण और मिटटी की महक थी, अँधेरी रात में खिली एक कली थी। शांत वातावरण और मिटटी की महक थी, अँधेरी रात में खिली एक कली थी।