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AVINASH KUMAR

Abstract Inspirational

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AVINASH KUMAR

Abstract Inspirational

एक दिन लाजवाब हो जाऊंगा

एक दिन लाजवाब हो जाऊंगा

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मीठे पानी का झरना हूं तेजाब हो जाऊंगा

देखना एक दिन हर सवाल का जवाब हो जाऊंगा


अभी पत्थर हूं जब तराशा जाऊंगा

देखना एक दिन नायाब हो जाऊंगा


अभी सैंकडों खामियां है मुझमें

देखना एक दिन लाजवाब हो जाऊंगा


अभी वजूद है मेरा कतरे सा

देखना एक दिन सैलाब हो जाऊंगा

अभी बिखरा हूं चन्द पन्नों में


देखना एक दिन किताब हो जाऊंगा

अभी दिए की लौ सी है रोशनी मेरी

देखना एक दिन आफताब हो जाऊंगा।


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