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सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

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सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

जहरीली हवा

जहरीली हवा

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जहरीली हवा आँखों में जलन और दमा

जगह जगह प्रदूषण का कहर नहीं थमा

आज दिल्ली शहर में कितना मुश्किल है जीना

धीरे धीरे पड़ रहा है सबको जहर भी पीना


अब संभव नहीं है जीवन की नाव को खेना

मज़बूरी में घर से बाहर तो निकल गए

परन्तु दूर दूर तक हमने आँखें दौड़ाई

तब भी हमको कुछ न पड़ा दिखाई


वातावरण में इतनी धुंध है छाई

जहरीली हवा आँखों में जलन और दमा

हर जगह प्रदूषण का कहर नहीं थमा

बाहर निकलने पर घुट घुट जाता दम


बच्चे बूढ़े सबका हुआ बाहर निकलना कम

परेशान है हर जन फैला है कितना जहर

है सीने में जलन कब बंद हो गाय ह कहर

यह जहरीली हवा कर रही है बीमार


हाय कैसी पड़ी है यह प्रदूषण की मार

अब तो सांस लेना भी दूभर हो गया है

हवा में मौत का मीटर लग गया है

जहरीली हवा आँखों में जलन और दमा


जगह जगह प्रदूषण का कहर नहीं थमा।


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