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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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चूड़ियाँ

चूड़ियाँ

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चूड़ियों की खनक कराएं जीवंतता का एहसास,

लगता है जैसे कोई हो मेरे दिल के बहुत पास।

ये चूड़ियाँ बन जाती हैं एक मनोहर शृंगार,

इनसे जुड़ जाते हैं मन में कुछ अनकहे आस।

प्रेमिका की हाथ की चूड़ियाँ बज जाती हैं जब,

बेरंग दुनिया भी आने लगता है बड़ा ही रास।

माँ के हाथों की चूड़ियों की मधुर सी खनक,

मन में जगाती हैं एक अनकहा सा विश्वास।

पत्नी के हाथों में बजती हैं जब ये चूड़ियाँ,

मिट जाते हैं दिल के सारे ही किंतु और काश।

सतरंगी सी बजती हैं जब ये सुहानी चूड़ियाँ,

लगता है जीवन में जीवंतता का होता है वास।

ये लाल हरी नीली पीली बजती हैं चूड़ियाँ,

लगती हैं दिल को बहुत ही सुन्दर और खास।


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