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Pooran Bhatt

Abstract

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Pooran Bhatt

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शायर

शायर

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कुछ अकेली सी कविताएँ..

कुछ नन्ही सी शायरी..

मेरे झोले में मिलेंगीं

शब्दों से रंगी डायरी..

कुछ किताबें होंगी..

कुछ पुराने पते यारों के..

कुछ धुंधलें निशान होंगे..

बीत गई बहारों के..

शायर हमेशा ऐसे ही होतें हैं..

दुनिया से दूर..

तुम कोई औऱ ढूंढ़ लो..

जिसके झोले में...

नोटों की बारिश होती हो।


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