जिंदगी की शतरंज
जिंदगी की शतरंज
जिंदगी ने बिछाई शतरंज की बिसात
सुख का राजा रानी संग खड़ा है मुकुट तान
दुख ने चली ढाई चाल घोड़े की
साहस के प्यादे ने शह देकर उसको दे दी मात
तिरछा चलकर असफलता लाया जो ऊंट
विश्वास लेकर हाथी ने कर दिया उसे मजबूर
स्वाभिमान और सूझबूझ से राजा ने स्वयं को बचाया
हर वार को अपनी गुण वान सेना से जिताया।
जीवन की शतरंज में कभी न खाये वो मात
जो चले सूझबूझ से अपने गुणरुपी सेना संग चाल।