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KHUSHNUMA BI

Abstract Inspirational

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KHUSHNUMA BI

Abstract Inspirational

सर्दी

सर्दी

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दीपक में अगन कम है 


सर्दी के मौसम का चलन है 


मन में एक अगन है 


दिल में आत्मविश्वास का चलन है 


 है हजार कांटे राहों में 


बंदा है विश्वास की बांहों में 


टीका है उजाला आंखों में


मेहनत है हमारी लाखों में 

 

 छलकती है आंगन बातों में 


छुपा है प्रेम आंखों में 


तूफान चल रहा जिंदगी में 


फिर भी आस टिकी है एक चिंगारी पर 


मेहनत बाकी है बस पल भर 


ज्ञान का दिया जलाना है घर-घर 


मुस्कुराएंगे हर दर्द सहकर


 कांटों पर चलेंगे हंस कर


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