आलसी राम
आलसी राम
बिन मेहनत के बैठ के खाते,
जीवन भर कुछ ना कर पाते,
हरदम दूसरों पर दोष लगाते ,
एक नंबर के आलसी कहलाते,।
कहना है उनका अजगर करे ना,
चाकरी ,पंछी करे ना काम ,
जब सबके दाता राम है तो ,
हम हो क्यों हो परेशान ,।
दूसरो पर हैं वो बोझा बनते ,
फिर भी सीना तान के चलते,
ताने बाने गालीयां सब सहते ,
फिर भी कोई फिक्र ना करते ,।
पड़े रहते किसी भी कोने ,
हर बात पर लगते है रोने,
बड़े जांबाज खुद को समझे ,
इनको आलसी राम है कहते, ।