कभी तू जिंदगी बन मुस्करा कर कुछ कहती रहीमैं बिना सुने दर्द की तरह घसीटता रहा कभी तू जिंदगी बन मुस्करा कर कुछ कहती रहीमैं बिना सुने दर्द की तरह घसीटता रहा
एक अनकही... एक अनकही...
भीड़ में अकेला भटकने लगा है दिल साथ तो है पर खोया है कही और दिल क्यूँ जो कहना है नहीं कह पाता ह... भीड़ में अकेला भटकने लगा है दिल साथ तो है पर खोया है कही और दिल क्यूँ जो कहन...
सच्चाई रखकर दिल में कुछ बात करो खुलकर सच्चाई रखकर दिल में कुछ बात करो खुलकर
उनकी पलकों में मैंने कुछ शरारत पाया था क्या यही प्यार है ? उनकी पलकों में मैंने कुछ शरारत पाया था क्या यही प्यार है ?
तेरे गोदी में सर रखकर सोने को दिल चाहता है, पर तू ही बता इतने गम छिपाकर तेरे गोदी में सर रखकर सोने को दिल चाहता है, पर तू ही बता इतने गम छिपाकर