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Chandra prabha Kumar

Abstract

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Chandra prabha Kumar

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श्वेतपुष्पी धतूरा

श्वेतपुष्पी धतूरा

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श्वेत सुमनों का यह धतूरा वृक्ष

आकर्षण कितना प्रबल

सुंदर गोल छतनार

नन्हा सा वृक्ष सुकुमार। 


शुभ्र पुष्पावृत यह विटप

पर अंतर में है कितना मद

जैसे कपटी नर अधम

अंदर विष बाहर मधुर। 


पर शिव चरणों में चढ़ा,

तो इसे भी मान मिला

सत संगति से किसका नहीं

जीवन सुधरा भला।


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