नारी तुझे प्रणाम
नारी तुझे प्रणाम
आंखें खोला तो तुझको देखा,
तेरी उंगली पकड़ के चलना सीखा,
त्योहारों की रौनक तुमसे मैंने बढ़ता देखा,
राखी-भाईदूज को मैंने तेरे बिना अधूरा देखा,
साथी की जरूरत हुई मुझे जब,हाथ थामते
तुझको देखा
नयी खुशी की चाह हुई तो
बेटी बन तुझको आंगन में देखा,
ए औरत तू महान है।
तेरे संघर्ष की गाथाएं
भरी पड़ी है इतिहास में,
तू जीवन भर कितना सहती है
आज भी देखता हूं समाज में,
खामोशी रखकर जीवनभर
तू रहती कर्त्तव्यनिष्ठ अपने पथ पर,
तुम्हें रोकने के खातिर
दुनिया कितने ही लांछन लगाती है,
तू आज भी देकर अग्निपरीक्षा
दुनिया को संघर्ष गीत सुनाती है,
तेरी निष्ठा, तेरी ममता
तेरे प्यार को मेरा प्रणाम है
ए औरत तू महान है
तेरे हर रूप को सलाम है।
नारी शक्ति, नारी विद्या
नारी समृद्धि का रूप है,
नारी पूजी गयी जहां
वह धरा स्वर्ग अभिरूप है।