भारत मां
भारत मां
बागों में है फूल खिले
राहों में नहीं कोई शूल दिखे,
मेरे चित्त को जो प्रसन्न करे
ये है भारत मां की भूमि प्रिये।
हर गली में है अमन यहां
नहीं द्वेष भाव किसी ने रखा,
दुनिया भले हमें मजहब पर बांटे
हम सब भारतवासी यहां।
जब देश पर संकट आया है
हम सब मिलकर टकराये है,
जब बात प्राण की आयी है
हम दांव प्राण का लगाए हैं।
जब भी कोई आंख उठायेगा
हम सब मिलकर ललकारेंगे,
भारत मां के वीर सपूत
स्वाभिमान देश का नहीं गिरने देंगे।
है सैकड़ों देश जग में यहां
पर नहीं भारत सा पावन स्थान मिले,
मैं प्रभु से बस यही वर मांगू
मुझे हर जन्म में हिन्दुस्तान मिले।