मानवता
मानवता
भय से भरे
इस माहौल में
हर ओर से आती
मौत की खबर
मन की विवशता
दिल चीरता दुःख
और बेबसी
आम आदमी की
कभी सोचा न था
देखेंगे ऐसा भी
कोई दिन
कुछ भी कर पाना
जब लग रहा हो
असंभव
बस किंचित सी
भर लेना अपने भीतर
मानवता !
भय से भरे
इस माहौल में
हर ओर से आती
मौत की खबर
मन की विवशता
दिल चीरता दुःख
और बेबसी
आम आदमी की
कभी सोचा न था
देखेंगे ऐसा भी
कोई दिन
कुछ भी कर पाना
जब लग रहा हो
असंभव
बस किंचित सी
भर लेना अपने भीतर
मानवता !