Anupama Gupta
Tragedy Classics Inspirational
कुछ लोग
और
कई बातें
जो मन को
अक्सर तोड़
देती है !
सीखें छोड़ देना
वहीं पर उसे
जन्मी थी
जहाँ से वह
साथ ढ़ोकर उन्हें
लादकर
मन पर
इतना बोझ !
क्या अन्याय नहीं
ए
मन की मासूमियत पर ?
शुरुआत
अस्पष्टता
गर्मी की छुट्...
मानवता
साठ पार
कब कौन
गुफ्तगू
गृहस्थी में ख...
गणतंत्र
चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर । चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर ।
हर प्राणी बेचैन है, धरती हुई अधीर। इंद्रदेव कर के कृपा, बरसा दो कुछ नीर।। हर प्राणी बेचैन है, धरती हुई अधीर। इंद्रदेव कर के कृपा, बरसा दो कुछ नीर।।
यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती है ... यही फलन है जब नवपीढ़ी आँसू से सन जाती है सहिष्णुता जब हद से बढ़ती कायरता बन जाती ह...
कितने अपनों को उड़ा गई, यह कैसी हवा चली, देखो!! कितने अपनों को उड़ा गई, यह कैसी हवा चली, देखो!!
दूर देश से बेशकीमती,नक्काशीदार पिंजरा मंगवाया। दूर देश से बेशकीमती,नक्काशीदार पिंजरा मंगवाया।
नौकरी में, जिंदगी भी साली, एक्सल पर,करते काम। नौकरी में, जिंदगी भी साली, एक्सल पर,करते काम।
मरते रहे मरीज़, अव्यवस्थाओं का शोर था, ये देश रो रहा था,बस तूफानों का दौर था. मरते रहे मरीज़, अव्यवस्थाओं का शोर था, ये देश रो रहा था,बस तूफानों का दौर था.
हे प्रकृति की मासूम प्रतिनिधि! हम तुम्हारे अपराधी हैं.. हे प्रकृति की मासूम प्रतिनिधि! हम तुम्हारे अपराधी हैं..
हृदय का तुमको दान दिया था, जीवन तुममें जान लिया था हृदय का तुमको दान दिया था, जीवन तुममें जान लिया था
कानून अब जी हजूरी की भाषा के अतिरिक्त कुछ नहीं। कानून अब जी हजूरी की भाषा के अतिरिक्त क...
सर्वाधिक महत्वपूर्ण है पुस्तक का वह पृष्ठ, जहां मुद्रित पुस्तक का अधिकतम खुदरामूल्य। सर्वाधिक महत्वपूर्ण है पुस्तक का वह पृष्ठ, जहां मुद्रित पुस्तक का अधिकतम खुदर...
इबादत में हमारी असर नहीं रही या ईश्वर ने आँखें बंद कर रखी है। इबादत में हमारी असर नहीं रही या ईश्वर ने आँखें बंद कर रखी है।
कुछ बीती बातें हैं मन में, कब से जी रहा था कल में। कुछ बीती बातें हैं मन में, कब से जी रहा था कल में।
तुम किसे छोटी सी बात कहते हो? तुम किसे छोटी सी बात कहते हो?
आप तो सोते में भी अयोध्या धाम टहल रहे हो और मेरी हालत समझने से पल्ला झाड़ने का जुगत आप तो सोते में भी अयोध्या धाम टहल रहे हो और मेरी हालत समझने से पल्ला झाड़न...
कुछ विनष्ट करते हैं और सृष्टि तटस्थ रहती है! कुछ विनष्ट करते हैं और सृष्टि तटस्थ रहती है!
द्रास चोटी पर विजय पर एक युद्धदृश्या - एक सजीव चित्रण द्रास चोटी पर विजय पर एक युद्धदृश्या - एक सजीव चित्रण
मैं नहीं जाना, प्रभुजी तेरी दुनिया में। नज़रों से तीर छूटेंगे मैं , ... मैं नहीं जाना, प्रभुजी तेरी दुनिया में। नज़रों से तीर छूटेंगे मैं , ...
दूसरी कमला देवी "बेलदारी" करती है उसका पति भी वहीं "चिनाई" करता है। दूसरी कमला देवी "बेलदारी" करती है उसका पति भी वहीं "चिनाई" करता है।
मुझे लगता है यह जीवन रंगमंच है और मैं बस एक कुशल अभिनेत्री हूँ। मुझे लगता है यह जीवन रंगमंच है और मैं बस एक कुशल अभिनेत्री हूँ।