साहित्य प्रेमी , कवितायें धड़कन हैं मेरी , सीखना जारी हैं .................
अपने अंत को किसी और की शुरुआत बना देना। आसान नहीं है नदी हो जाना। अपने अंत को किसी और की शुरुआत बना देना। आसान नहीं है नदी हो जाना।
लाख कोशिशों के बाद भी नहीं झाड़ पाते गर्द शिकायतों की । लाख कोशिशों के बाद भी नहीं झाड़ पाते गर्द शिकायतों की ।
जिस छुट्टी को लेकर बच्चा, बूढ़ा, जवान कोई उत्साहित नहीं। जिस छुट्टी को लेकर बच्चा, बूढ़ा, जवान कोई उत्साहित नहीं।
असंभव बस किंचित सी भर लेना अपने भीतर मानवता ! असंभव बस किंचित सी भर लेना अपने भीतर मानवता !
जिसे जीने की चाह लिए पैंतीस बरस गुजार दिए जिसे जीने की चाह लिए पैंतीस बरस गुजार दिए
हर शख्स ले आता दुःख की नयी नयी परिभाषा। मानो सबने भुला दी हो हँसने की अभिलाषा हर शख्स ले आता दुःख की नयी नयी परिभाषा। मानो सबने भुला दी हो हँसने की अभिलाषा
गुफ्तगू तुमसे नहीं हुई है जब से , खामोश है ये दिल तब से। गुफ्तगू तुमसे नहीं हुई है जब से , खामोश है ये दिल तब से।
तुम्हारी आवाज़ और घर से बाहर होने पर तुम्हारा एहसास। तुम्हारी आवाज़ और घर से बाहर होने पर तुम्हारा एहसास।
क्या अन्याय नहीं ए मन की मासूमियत पर ? क्या अन्याय नहीं ए मन की मासूमियत पर ?
बेहद उलझा -उलझा सा हमारा गणतंत्र ! बेहद उलझा -उलझा सा हमारा गणतंत्र !