गुफ्तगू
गुफ्तगू
गुफ्तगू तुमसे नहीं हुई है जब से ,
खामोश है ये दिल तब से,
हालाँकि लब तो रोज ही कहते हैं बहुत कुछ।
गुफ्तगू तुमसे नहीं हुई है जब से ,
खामोश है ये दिल तब से,
हालाँकि लब तो रोज ही कहते हैं बहुत कुछ।