एक मासूम परी
एक मासूम परी
बेटियां बहुत ही प्यारी ,माता-पिता को प्यार करने वाली ,
जिम्मेदार व समझदार होती हैं ।
बेटे से मात्र एक कुल (परिवार) चलता है बेटी 2 परिवार चलाती है
तभी जनक जी माता जानकी को कहते हैं----------
"पुत्रि पवित्र किये कुल दोऊ"
इनको पुष्पित पल्लवित होने के लिए सुरक्षित समाज देना हमारा सबसे परम
कर्तव्य होना चाहिए।
पापा की राज दुलारी ये परी प्यारी-प्यारी
सहमी सी आज थी बहुत ही डरी-डरी
पापा गये थे उस के, सामान लेने बाजार
बस कर रही थी वे बेसब्री से इंतजार
आते ही लगा दी उस ने प्रश्नों की झड़ी
हेडिंग एक दिखा रही थी पेपर की, खड़ी
किसी ने बच्ची को किडनैप कर,रेप के बाद मार दिया ।
बर्बरता की इंतहा देखिए बहते नाले मे,
लाश को बहा दिया ।
पापा मुझे भी बताएं ऐसा होता क्या है ये रेप ,?
आखिर क्यों करते है छोट-छोटे बच्चों को किडनैप?
बच्ची ने उसका, ऐसा क्या था बिगाडा,
नाले मे बहा ,उस को मार डाला।
क्या वे होते नहीं किसी परी के पापा
जो गुस्सा मे खो देते है अपना आपा ।
पापा मन ही मन में सोच रहे थे समझाऊं क्या ?
इस बिन मां की मासूम बचपन को,तौल रहे थे।
बेटी उसको भी ईश्वर ने बनाया था इंसान
पर अपनी हवस के चलते बन गया वह हैवान ।
शायद अबोध परी कुछ समझ न पा रही थी।
पापा से अपनी गुड़िया की सेफ्टी को भी
कह रही थी।
पापा विचारशून्य से भावो मे खो से रहे थे
कैसे बचाएं लाड़ली परियों को मन ही मन मे रो रहे थे ।