Ignite the reading passion in kids this summer & "Make Reading Cool Again". Use CHILDREN40 to get exciting discounts on children's books.
Ignite the reading passion in kids this summer & "Make Reading Cool Again". Use CHILDREN40 to get exciting discounts on children's books.

गीत

गीत

1 min
201


मानवता का हवन हो रहा देश में

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


महापुरुषों की बाणी सुहाती नहीं,

सुविचारों की स्मृति भी आती नहीं।

अब ये कैसा जतन हो रहा देश में,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


कोई घर में बड़ों का अब सुनता नहीं,

प्रेम का जाल आपस में बुनता नहीं।

परवरिश भी नग्न हो रहा देश में,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


बेटियों का लुटा अस्मिता क्यों भला,

सीखें संस्कार कैसे ये कैसी कला।

हर तरफ अपशकन हो रहा देश में,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


भाई, भाई को धोखा है देने लगा

छीनकर हक़ उसके भी लेने लगा।

अब रिश्तों का गबन हो रहा देश में,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


पहले जैसी कहाँ बहनें भी हैं अब,

हक-हिस्सा पीहर में वो चाहे हैं सब।

बिखरा-बिखरा सा मन हो रहा देश मे,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


जाति-मज़हब के नाम पर भिड़ते यहाँ,

सत्ता के इशारे पर सब लड़ते यहाँ।

संविधान का हनन हो रहा देश में,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


मिलकर गीता, कुरान हम बाइबिल पढ़े,

आओ फिर से नई प्रीति दिल में गढ़े।

रोके हम, जो सितम हो रहा देश में,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


मानवता का हवन हो रहा देश में,

नैतिकता का पतन हो रहा देश में।


Rate this content
Log in

More hindi poem from प्रियंका दुबे 'प्रबोधिनी'

Similar hindi poem from Tragedy