इंसान बनो
इंसान बनो


पहले इंसान बनो
ऐ ख़ुदा बनने वालों
क्या ख़बर है तुम्हें
कितनी दुआओं को तुमने
अपनी सलामती के लिए
बद्दुआ है किया
भाषा जाति मज़हब और
धर्म के नाम पर
फसाद कराने वालों
पहले इंसान बनो फिर
किसी के मसीहा बनना
अद्भुत है तुम्हारा मुखौटा यह
जो छिपाता है तुम्हें और
छिपता है खुदी में
बड़े बेबाक जो रखते हो
तुम अंदाज़ यह गैरों वाला
पहले किसी भूखे का
निवाला तो बनो भाषण फिर बनना
न रुका है न रुकेगा यह
तरक्की का जज़ीरा
रोका जिसने भी इसे वो
खाक़ में कहीं दफ़न है पड़ा
सुन रहा है वक़्त भी सदियों से यही
जो वक़्त पर नहीं है वो कहीं भी नहीं
आज नहीं तो कल जागेगा युवा
बेरोज़गार बना जिसको तुमने
किया है खोखला
क्या उसने जलाई है इमारतें कहीं
उसने लूटा है किसी इज़्ज़त को कहो
लुटेरों तुम हो दरिंदे तुम ही हो
वो बस बदनाम है हुआ
उसकी ख़ता यह है
उसने वोट दिया तुम को
और तुमने उसे शर्मसार किया
पहले अख़लाक़ की पेश्तर एक
मिसाल बनो
फिर कहो हक़ से जो भी
दिल से कहोगे गर बात अपनी
सभी कहेंगे हमने तुम्हें दिल से है सुना....