बंद दरवाजे का रहस्य
बंद दरवाजे का रहस्य
गली से गुजरते नुक्कड़ पर बंद दरवाजे का रहस्य मुझे विस्मित करता है,
सब कहते हैं उसमें जादू टोने वाला एक बूढ़ा बाबा रहता है,
सोचा है कई बार उस जंग लगी किवाड़ की टूटी कुंडी खटका कर देखूं,
जो आकर्षित करता है मुझे उसके पार जरा झॉंक कर तो देखूं,
कभी कभी वो बाबा दिखता है मैले कुचैले फटे हुये वस्त्रों में,
जी चाहता है कभी रोक लूं उनको आते जाते वक्त रास्ते में,
फिर मेरी हिम्मत ना कह देती है मुझे,दादी भी अक्सर नहीं बोल देती है मुझे,
पर क्या रहस्य है उस बंद दरवाजे का क्या कोई भीतर कभी गया,
दादी कहती है शापित घर है कोई बचा नहीं जो भी उसके उस पार गया,
अब यह रहस्य मुझको और भी ज्यादा परेशान करे,
मुझे जानना था उसके बारे में जो उसके उस पार रहे,
कैसे एक ही दुनिया के हिस्से में बसता दो दुनिया का जोड़ा है,
ऐसा क्या हुआ होगा जो उस बाबा ने सबसे रिश्ता तोड़ा है,
एक दिन दिख गया मुझे वो दरवाजा अधखुला हुआ सा,
झॉंक कर देखा तो वो बाबा था एक कोने में सिकुड़ा पड़ा हुआ,
मैं रोक ना पाई खुद को धक्का दे अंदर प्रवेश किया,
मुझे देखते ही वो बाबा ने बाहर जाने का निर्देश दिया,
मैं भी हठी थी वो भी हठी था पर मेरी हठ उन पर भारी थी,
अब उनको परत दर परत जानने की उत्सुकता भरी बारी हमारी थी,
सुन कर सॉंत्वना भरे दो बोल वो फूट फूट कर रोने लगे,
बोले मेरी विवशता देखो मुझे ये आवरण बरसों हुये ओढ़े हुये,
मैने ही अपने बारे में झूठी अफवाहें चारों ओर फैलाईं है,
ऐसा मुझको जबरन करना पड़ा क्योंकि इसी में मेरी भलाई है,
सारे रिश्ते नातेदार इंतजार कर रहे हैं कि कब मेरी मृत्यु होगी,
मेरी मृत्यु के बाद ही यह सारी संपत्ति उनके काबिज होगी,
कर रहे थे साजिशें कैसे मुझसे यह सब हथियाया जाये,
मैं मरूं तो सबसे पहले मेरा पाई पाई कैसे पाया जाये,
तो मैनें भी रची चाल भूतिया इस घर को मशहूर किया,
रहता है मुझ पर उनका साया यह शोरगुल भरपूर किया,
रहता हूं अकेला पर नहीं बिकेगा घर मेरा इसका आनंद है,
अब बताओ इस बुढ़ापे में मैं कहॉं जाऊंगा जीवन के दिन चंद है,
बात चीत कर उनका मन थोड़ा हल्का हुआ मैं किसी को नहीं बताऊंगी,
पक्का वाला वादा हुआ कि इस रहस्य से पर्दा नहीं उठाऊंगी,
अब यह रहस्य केवल दो लोग इस जहान में अब जानते हैं,
मुझ पर भी बाबा में जादू कर दिया था ऐसा अब सब लोग मानते हैं ..!!
