मेरी याद
मेरी याद
मेरी याद आने पर अब भी रोती हो क्या ?
कभी बैठ अकेले मेरे प्यार को संजोती भी हो क्या ?
जिंदगी तो बहुत बेरहम निकली न, जिंदगी भर के लिए दूर कर दिया हमें,
तुम अब भी इसे खुदा की नियामत ही मानती हो क्या ?
बिछड़ते वक्त कहा था अपना खयाल रखना ' प्रणव ' ,
सो मैं ठीक हूं, तुम बताओ अपना खयाल रखती हो न ?
मुझे साथ बिताए वो पुराने दिन फिर से चाहिए,
तुम भी कुछ ऐसा ही चाहती हो क्या ?
तेरे बाद मुझे बस तेरी ही तलाश रही,
तुम अब भी मुझे ढूंढती हो क्या ?
वफ़ा करके भी पा न सके तुम्हें,
तुम नेमतें में अब भी मेरी ही वफ़ा मांगती हो क्या ?
तुम बड़े प्यार से मुझे 'मेरा पागल' कहकर पुकारती थी ना,
एक बात बताओ, मुझे अब भी वही पागल ही मानती हो न ?