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Pranav Kumar

Romance Tragedy

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Pranav Kumar

Romance Tragedy

बेबसी

बेबसी

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जैसे हम बिछड़ रहे हैं, ऐसे भी कोई बिछड़ता है क्या,

गलती ना मेरी थी ना ही उसकी, फिर ये सजा किस बात की ...

ऊपरवाला ऐसा भी सितम करता है क्या ?


दिल भटक रहा उसकी यादें लेकर... कोई तो ठिकाना मिले उसे,

क्या इस तरह ​​कोई ठिकाने के लिए तड़पता है क्या...?


हालात के मारे हैं या खुद के ..ये पता नहीं..

लेकिन इस तरह से भी कोई मरता है क्या..?


बेबसी क्या होती है... पहली दफा पता चला है मुझे...

ये रिश्ते भी.. हाहाहाहा... इस तरह इंसान को बेबस करता है क्या..?


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