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Pranav Kumar

Romance Tragedy

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Pranav Kumar

Romance Tragedy

दुआ

दुआ

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मेरी जिंदगी से दूर चली गई, पर अपनी यादों से दूर नहीं जाने दूंगा,

अपनी साथ वाली तस्वीर को हमेशा अपने सिरहाने रखूंगा,


करूंगा मन्नतें भी बस तेरी ही खुशी की खातिर,

जब कोई तारा टूटता नजर आएगा,

तुमसे एक बार फिर मिलने की दुआ मांगूंगा,


हमेशा खुश रहे चाहे जहाँ भी रहे तुम,

जो मिला तुम्हें वो मुझसे भी ज्यादा चाहे, बस यही चाहूंगा,


वो चाहे इतना, कि फिर तुम्हें मेरी याद भी न आए,

तुम मुझे भूल जाओ....मैं तुम्हें छोड़ बाकी सबको भूल जाऊंगा,


तुम्हें अपना न पाने का गम हर रात मुझे तोड़ता रहता है,

अब जिसको मिलूंगा, टुकड़ों में मिलूंगा....

तुम्हारे बाद किसी का मुकम्मल नहीं हो पाऊंगा।


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