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Pranav Kumar

Tragedy

3  

Pranav Kumar

Tragedy

दवा

दवा

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अब तो हिज्र में जीने की आदत हो गई है,

तुम्हारे बाद तो अपनों से भी रुखसत हो गई है,


तुम्हारे प्यार को मजाक में मैं अपना दवा कहा करता था,

अब तो सच में मुझे दवा की जरूरत हो गई है,


एक मासूम से बिछड़ जाने के बाद,

ना जाने कहां मेरी मासूमियत खो गई है।


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