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Lokanath Rath

Romance Tragedy

4  

Lokanath Rath

Romance Tragedy

बेवफाई....

बेवफाई....

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क्या मिला तुझे ऐसा करके

  बता, क्या मेरे कसूर था?

भरोसा दिलाया कियूँ तुम फिर

  अगर बेवफाई तुम्हें करना था?


शायद ये मेरे उस यकीन

  तेरे प्यार में, कसूर था,

जिसमें मुझे सिर्फ था गुरूर

  पर बेवफाई, छुपा हुआ था।


अक्सर लोग बोला करते है

  जिसे में अनदेखा करता था,

प्यार में था इतना यकीन

  तेरे बेवफाई दिखता नहीं था।


अब तो खुद पे यकीन

  करना हमें भी डर लगता,

हम तो हम नहीं अब

  बेवफाई में बेवफा कैसे कहता?


ख़ुश रहना तुम जहाँ हों

  मेरे साथ है मेरी तन्हाई,

अब जी लूँगा तेरे बिन

  साथ लेकर तेरे ये बेवफाई।



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