समय का खेल...
समय का खेल...


समय का खेल है ये खेल
कोई खबर नहीं कोई मेल नहीं....
जब सुख की पल आती है
सब साथ साथ तो रहते है,
हसते हसाते सब गले मिलते है
अपनी अपनी खुशीयां जाहिर करते है|
पर इसे कोई रोक नहीं सकता
इसकी कोई कभी बन्धन होता नहीं..
समय का खेल है ये खेल
कोई खबर नहीं कोई मेल नहीं......
जब दुःख की घड़ी आती है
साथ मे कुछ आंधी भी लाती,
जो सारे रिश्ते तोड़ देती है
अकेलापन की दर्द बहुत ही सताती|
उसे झेलना बड़ा मुश्किल तो होता
पर उसकी खेल तो रूकती नहीं...
समय का खेल है ये खेल
कोई खबर नहीं कोई मेल नहीं....
सुख दुःख क
े ये खेल मे
हार जीत का कोई मतलब नहीं,
यादों मे सब रहे जाता है
कोई पल कभी मिटता भी नहीं |
यादें हमारा साथी, साथ ही रहेता
मरने से पहेले छोड़ जाता नहीं...
समय का खेल है ये खेल
कोई खबर नहीं कोई मेल नहीं.....
अब तो ये तुम समझो यारों
ये खेल है कोई संजोग नहीं,
बस इसे झेलते ही रहेना है
इसे कभी किसीको कोई छूट नहीं|
अपने आप को तो सम्भालना होगा
संभालनेवाला तो और कोई भी नहीं..
समय का खेल है ये खेल
कोई खबर नहीं कोई मेल नहीं....
धुन -
जिन्देगी का सफर है ये सफर
कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं...