अपने दिल में समाना
अपने दिल में समाना
ओ मेरे बलमा, अब न सताना,
धड़कन में तेरी, यहीं रुक जाना।
तू है मेरे मन का, आशिक मस्ताना,
मुझे अपने दिल से, कभी दूर न करना।
क्युं मुझ से रुठा, क्या कसूर है मेरा,
सपने मेरे तोडकर, मत चले जाना।
बांहों में समाना, मुझे माफ करना,
विरह की आग में, मुझे न जलाना।
तू है मेरे मन का, आशिक मस्ताना,
मेरे इश्क का तू, अनादर न करना।
तेरा और मेरा, रिश्ता है पुराना,
जनमो जनम का, साथ निभाना।
अब न तरसाना, मुजे न तड़पाना,
अपनाकर मुझको, सहारा बन जाना।
तूं हे मेरे मन का, आशिक मस्ताना,
"मुरली" को अपने, दिल में समाना।