एक आशियां हम बनाएं
एक आशियां हम बनाएं
चलो आज एक आशियां हम बनाएं
उसमें नया एक दिया हम जलाएं
भटक कर खोजते रहे हम जिस जगह को
उसी पर प्रेम की हम सुगंध फैलाएं
चलो आज.......................
राहों में कितनी भी मुश्किलें आएं
एक - दूजे के संग मिल उन्हें हम मिटाएं
चलो आज.....................
नई एक कहानी सुनानी है हमको
महफिल में जब वो रूबरू आएं
चलो आज.........................
कयामत तलक उनका साथ दूंगी मैं
एक बार जो वो मुझे आजमाएं
चलो आज........................
प्रेम की पाटी पर खरी उतर जाऊंगी
वो मेरे संग वफ़ा का स्वयंवर रचाएं
चलो आज..................