STORYMIRROR

Gaurav Kumar

Romance

4  

Gaurav Kumar

Romance

कुछ अधूरा-अधूरा ,कुछ पूरा-पूरा

कुछ अधूरा-अधूरा ,कुछ पूरा-पूरा

1 min
339

रूबरू रूबरू तेरा मुझमे खो जाना 

आहिस्ता आहिस्ता तेरा मुझमे गुम हो जाना  

अफसाना अफसाना तेरा मुझे आशिक़ बना जाना

रफ्ता रफ्ता तेरा मुझे आँखों का जाम पिला जाना

तेरा इस तरह टूट कर मुझे चाहना 

मेरे रोम रोम में , तेरा इस तरह बस जाना 

कुछ इस तरह , मेरे गलियों से गुजर जाना 

सबकुछ खोया-खोया सा लगता है 

कुछ अधूरा-अधूरा,कुछ पूरा-पूरा सा लगता है।


मेरे खामोशियों में तेरा वो जम जाना 

सोंधी सोंधी सी हवाओं में,तेरा घुल जाना 

चुप्पी चुप्पी में,तेरा बहुत कुछ कह जाना 

ना चाह के भी,तेरा यूंही दूर जाना..

फिर सपनो का सवेरा बन कर आना 

शामों को तेरी फिज़ूल बातों का भाना 

तेरे बिन ख्यालों वाली उन रातों का गुजारना। 


फिर तेरा इस तरह पास आ जाना

जहन जहन में इस कदर छा जाना 

कुछ इस तरह तेरा,मेरे गलियों से गुजर जाना 

सबकुछ खोया-खोया सा लगता है 

कुछ अधूरा-अधूरा,कुछ पूरा-पूरा सा लगता है। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance