परछाईं
परछाईं
परछाईंयों में भर आती थी
ता-उम्र की छाया
लोग कहते हैं देखो
नया खून है
विचार तो नए होंगे ही...
ठीक वैसे ही
जैसे
उलटे कामों को
सीधी की जाती है !
परछाईंयों में भर आती थी
ता-उम्र की छाया
लोग कहते हैं देखो
नया खून है
विचार तो नए होंगे ही...
ठीक वैसे ही
जैसे
उलटे कामों को
सीधी की जाती है !