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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

गजल

गजल

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वह एक शख्स जो देकर गया गुलाब मुझे।

उसी का प्यार मयस्सर है बे हिसाब मुझे।


जो डूबा रहता है मस्ती में हर घड़ी हर पल।

पिला दे साकी मोहब्बत की वो शराब मुझे।


यह माना दुनिया में होंगे बहुत हसीन मगर।

हमारा प्यार ही लगता है लाजवाब मुझे।


मेरी निगाहों से वो दिल में बस गए आकर।

तमाम फूलों में करना था इंतखाब मुझे।


वह मेरा चांद है रोशन है उसे जीस्त मेरी।

वह महताब भी लगता है आफताब मुझे।


झुकी है शर्म से पलके अटक गए अल्फाज़।

तेरे सवाल का आता नहीं जवाब मुझे।


सगी़र सब का नज़रिया है उसको पाने का

दिल मेरा मुतमईं कहता है कामयाब मुझे।


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