ghazal Dr sagir Ahmad Siddiqui
ghazal Dr sagir Ahmad Siddiqui
मेरी मोहब्बत मेरी चाहत तुम हो।
मेरी सुकूं हो दिल की राहत तुम हो।
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तुमको देखूं तो चैन मिले।
इस दिल की राहत तुम हो।
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तूफानों से लड़ जाऊं मैं।
मेरी ताकत मेरी हिम्मत तुम हो।
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तुमसे ही मेरा सर ऊंचा है।
मेरे जीस्त की इज्जत तुम हो।
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तुमसे ही मेरी दुनिया है।
अल्लाह की रहमत तुम हो।
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तुमसे ही सारी खुशियां हैं।
मेरे घर की बरकत तुम हो।
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तुमसे मेरी गुलशन महके।
मेरी प्यार हो उल्फत तुम हो।
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हरदम हरपल यादें तेरी।
हर सांस की दस्तक तुम हो।
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दूरी तुमसे, नामुमकिन है।
हर सांस की हरकत तुम हो।
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बिन तेरे घर सूना लगता।
इसकी रौनक,अजमत तुम हो।
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जीते जी हार नहीं सकता मैं।
मेरी हिम्मत,दिल की रग़बत तुम हो।


