भाई बहन
भाई बहन
रक्षाबंधन पर विशेष
शीर्षक- भाई-बहन
प्रेम निश्छल विश्वास का है
सूत रेशम दृढ़ आस का है
रक्षा का वादा संजोये हुए-
प्रतीक-बँधन खास का हैं..
भाई लगता सबसे चोखा
है पीर का साथी अनोखा
लड़ते-झगड़ते खूब लेकिन
देता नहीं अवसर पे धोखा
है प्रेम का अद्भुत समर्पण
सँगी करे कभी उपहास है..
सँग सँग ही करते शैतानियां
सभी छोटी बड़ी नादानियां
दोनों जान है एक दूसरे की
करते हैं भाई छेड़खानियां
फ़िर भी बहने कहती सदा
भाई उनकी शाने-श्वास है...
राखी सिर्फ़ धागा नही है
भाव पावस चित यही है
अश्क पोंछे अरु हँसाये-
छांव सुरक्षित सी सही है
परवाह सँग दे वो हौसला
उपहारी कोई अरदास है।