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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Romance

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Romance

आंखों में बसे हो तुम

आंखों में बसे हो तुम

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तर्ज - होठों से छू लो तुम 


शीर्षक - आंखों में बसे हो तुम


कैसे ये अश्क बहें, आँखों में बसे हो तुम

दर्पन में मैं तुम सी, यूँ मुझमें सजे हो तुम.. 


हालातों के आगे, मज़बूर नहीं होना 

हो कितनों से दूरी, तुम दूर नहीं होना

मजबूत ये बंध रखना, कि मुझमें रमे हो तुम

आँखों में बसे हो तुम..


पलकें झुक जाती है, जस् दिखते हो मुझमें

है अंतस मूरत तेरी, कि हूँ खोयी मैं तुझमें

मेरे प्रेम के किस्से में, हर हिस्से में रचे हो तुम

आँखों में बसे हो तुम..


फागुन सावन तुमसे, तुमसे ही सब त्योहार 

मौसम सजते तुमसे, तुमसे ही है मनुहार

छूटा लूटा सब सबने, बस मुझमें बचे हो तुम

आँखों में बसे हो तुम..



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