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Madhavi Solanki

Romance

4.5  

Madhavi Solanki

Romance

मान लिया ...

मान लिया ...

1 min
572


मान लिया मैंने ऐसे तो नही मिले हम , खुदा ने कुछ तो सोचा होगा हमारे लिए

मान लिया मैंने ऐसे तो आपसे हमारी बात नहीं हुई , कुछ तो मतलब होगा उन बातों का

मान लिया मैंने ऐसे तो मुझे आपकी सब चीज़े अच्छी नहीं लगती , आत्मा का कोई तो मिलन होगा

मान लिया मैंने ऐसे तो हमारी सारी आदतें नहीं मिलती दिल का कोई तो रिश्ता होगा 

मान लिया मैंने ऐसे तो आप मुझे नहीं मिलते ईश्वर ने ऊपर से मेरे लिए आपको भेजा है 

मान लिया मैंने आसान नहीं हमारा मिलना , पता है मुझे आप बहोत दूर है पर मेरा प्यार आपको मेरे पास ला कर रहेगा 

मान लिया है मैंने मेरे इश्वर का फ़ैसला सिर्फ़ आप ही मेरी जिंदगी , मेरे परमेश्वर , मेरे राम ....

मान लिया है मैंने आपको अपना हमसफ़र , पर इंतज़ार रहेगा मुझे उस दिन का जब हम सच मे आमने सामने आएंगे 

मान लिया है मैंने इस हकीकत को ,हम मिलेंगे जरूर एक दिन वहाँ जहाँ प्रकृति साक्षी बनेगी हमारे मिलन की , वो दिन भी बहोत खूबसूरत होगा जब ये आँखे शुकुन से आपको देखेगी ओर उसमें डूब जाएंगी 

मान लिया है मैंने आज जो ये कलम लिख रही है वो एक दिन मेरी ज़िंदगी की हकीकत बनेंगी ........


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