STORYMIRROR

Madhavi Solanki

Abstract

3  

Madhavi Solanki

Abstract

मेरी प्यारी कविताएं ...

मेरी प्यारी कविताएं ...

1 min
193

 मेरी प्यारी सी कविताएं ,तुम्हें पता है क्या ? तुम मेरी जिंदगी हो ..


तुम्हें पढ़ के दिन की शरुआत होती है , तुम्हें लिखते लिखते रात होती है , इन लंबी रातों में तुम्हारे ही ख़याल आते रहते है ...


जब भी में तन्हा बैठी रहती हूं तो सहेली की तरह तुम साथ देती हो , तुम मेरी प्यारी सी कविता हो


अक्शर जो बातें मेरे दिल मे कैद है ,तुम उसे सबके सामने सहजता से प्रस्तुत करती हो ,या कहे जग जाहिर करती हो ..


मेरी प्यारी सी कविताएं ,तुम्हारी वज़ह से ही आज में मिस ओवर थिंकिंग की जगह लेखिका बन पाई हूं ..


मेरी प्यारी सी कविताएं ,आज तुम्हारी वजह से मेरी पहचान बनी है ,नई उम्मीद जगी है ..


मेरी प्यारी सी कविताएं ,तुम्हारे साथ कि वजह से आज में बहोत ख़ुश रहने लगी हूं ,सबको जिंदगी जीने के तरीके ,प्यार का अहसास तुम्हारे ज़रिए बया करने लगी हूं ..


मेरी प्यारी सी कविताएं ,अब तो ऐसा लगता एक दिन भी तुम्हें लिखे बिना दिन बीतता नही है ,सच मे लोग कहने लगे है तुम्हें प्यार हो गया है ,हा ,मेरी कविताएं मुझे तुमसे बेइन्तिहा प्यार हो गया है।...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract