वो अजनबी
वो अजनबी
वो अजनबी अंजान सा था,
थोडा पागल , थोड़ा दीवाना था,
पलभर में वो मुझसे गुलमील सा गया था,
बहोत ही नादान और समझदार था,
मेरी हर बात पर गुस्सा करता था,
फिर प्यार से हर बात समझा था।
वो अजनबी बहोत ही खूबसूरत था,
मेरे लिए वो मेरा सबसे खास दोस्त था।
वो अजनबी अंजान ही सही बहोत प्यारा था,
मेरी कोई बात नहीं मानता था,
फिर भी मेरी हर इच्छा पूरी करता था,
वो अजनबी मेरे राम की तरह था।।

