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Madhavi Solanki

Romance Action Inspirational

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Madhavi Solanki

Romance Action Inspirational

जितना मैंने सोचा है तुम्हें

जितना मैंने सोचा है तुम्हें

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जीतना तुमने मुझे चाहा नहीं होगा,

उससे हज़ारो गुना सोचा है मैंने तुम्हें ..!

सोचा है मैंनेतुम्हें हज़ारो बार उन ख्वाबों में

जहाँ हमारी खूबसूरत प्रेमकहानी को नया आयाम मिला है 


सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार

जहाँ हर पल सिर्फ तुम्हारा ही जिक्र

है ओर तुम्हें अपनी जिंदगी बनाने की तड़प है..

सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार यूँ ही छोटी सी

बातों प्यार वाली लड़ाई करते हुए, रुठते हुए,

नाराज़ होते हुए,

घण्टो तक बिना बात किए परेशान रहते हुए ..


सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार उन प्रकृति के साथ

जहाँ प्रकृति का सौंदर्य सबका मन मोह लेता है

जहाँ नदी के प्रवाह के साथ तुम गानों के ज़रिए

अपने दिल का हाल मुझसे साज़ा करते हो ...


सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार अपने गिटार के साथ उन

कॉन्सर्ट में जहाँ तुम अपनी आवाज़ से माहौल

रंगीन कर देते हो ...सबका दिल जीत लेते हो

सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार उन किताबों के साथ

यूँ ही मन लगा कर पढ़ते हुए जिसकी वजह से

तुम मुझसे बहुत बातें भी नहीं करते 


सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार

सपनों में मुझसे मुलाक़ात करते हुए,

घण्टों तक मुझसे बात करते हुए नोक-झोंक करते हुए,

मेरी कविता सुनते हुए 

सोचा है मैंनेतुम्हें हज़ारों बार मुझे समजाते हुए की

तुम मेरा इंतज़ार करो में जरूर तुम्हें लेने आऊंगा

कान्हा बनकर अपनी रुक्मणी को चुराने ने लिए,


दुआ करो पार्वती की तरह में तुम्हारा शिव बन कर आऊंगा,

साथ दो मेरा सीता की तरह, में तुम्हारा राम बन कर जरूर आऊंगा

तुम्हें अपनी अर्थांग्नि बनाने के लिए...

सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार तुम पर अपनी मन मानी करते हुए,

तुम पर हुकुम चलाते हुए तुम्हारी पत्नि बन कर,


तुम से लड़ते हुए

सोचा है मैंनेतुम्हें हज़ारो बार मुज़ से प्यार का इज़हार करते हुए,

मेरी मांग में लाल सिंदूर को सजाते हुई,

गले मे तुम्हारे नाम का मंगल सूत्र पहनाते हुई

सबके सामने चार फेरों के साथ सात जन्मों का साथी बनाते हुए..

सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार मेरे साथ हुई

प्यार भरे लम्हें जीते हुए जहाँ कोई भी बंधन नहीं है,


दूरियां नही है सिर्फ में ओर तुम ओर हमारा प्यारा सा आशियाना है..

सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार सारी मुश्किलों से साथ मिल कर लड़ते हुए,

सारे परिवार को ख़ुश रख कर हमारी जिंदगी गुलज़ार बनाते हुए ..

सोचा है मैंनेतुम्हें हज़ारों बार उन ख्वाबों में जहाँ में ओर


तुम साथ मिल कर अपने सपनों को नए पंख देते हैं

और सच करके दिखाते हैं

सोचा है मैंने तुम्हें हज़ारों बार मेरे बच्चों के पिता के रूप में

ओर यक़ीनन एक दिन ये मेरी ज़िंदगी का यादगार लम्हा होगा ...

सोचा है मैंनेतुम्हें हज़ारों बार, मेरी ज़िंदगी के लम्हों में,

मेरे खवाबों में, मेरे इंतज़ार में,

मेरी हर दुआ में, मेरी किताबों में, मेरी हर कविताओं में,


हर वक्त ओर हर ख्याल में सिर्फ़ तुम ओर तुम नज़र आते हो ...

सोचा है मैंने तुम्हें अनगिनत लम्हों में मेरे साथ

यूँ ही सादगी से जिंदगी का आनंद लेते हुए।


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