अनामिका वैश्य आईना
Romance
पूरे-पूरे भाव सजायें फ़िर क्यों लगता गीत अधूरा है
चूम लिया शब्दों को उसने तो लगे गीत फ़िर पूरा है।
बसंत ऋतु
देश भक्ति गीत
आंखों में बसे...
बिजली सी गिर ...
बहुरूपिया
माँ - मुक्तक
गीत अधूरा
डगर
मैं हिन्दी हू...
हिन्दी पर हाइ...
हे प्रभु श्री राम अब तो मान जाओ ना मुझे अपनी दिकु वापिस लौटाओ ना। हे प्रभु श्री राम अब तो मान जाओ ना मुझे अपनी दिकु वापिस लौटाओ ना।
फिर बीमारी ए शायरी का हाल सुनें, अपने दिमाग के तारों को तनें। फिर बीमारी ए शायरी का हाल सुनें, अपने दिमाग के तारों को तनें।
अपनी सारी उदासी बहा देना चाहता हूँ... एक सिर्फ तुम्हारे कंधे पर रख कर सर..!! अपनी सारी उदासी बहा देना चाहता हूँ... एक सिर्फ तुम्हारे कंधे पर रख कर सर..!!
मै कृष्णा तू राधा मेरी मुझ ही में है अब झलक तेरी। मै कृष्णा तू राधा मेरी मुझ ही में है अब झलक तेरी।
ओहो रे प्यार मिले खुशी के बदले, खुशी मिले साजन में। ओहो रे प्यार मिले खुशी के बदले, खुशी मिले साजन में।
मुझे बस इतना पता है तेरी जिंदगी का अहम हिस्सा हूं मैं,, मुझे बस इतना पता है तेरी जिंदगी का अहम हिस्सा हूं मैं,,
तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो। तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो।
भावनाओं की जगह, तर्क हावी होने लगता है और जान का रुतबा भी बदलने लगता है। भावनाओं की जगह, तर्क हावी होने लगता है और जान का रुतबा भी बदलने लगता है।
रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है। रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है।
ओ कान्हा तुम तो हो सबके प्यारे कान्हा। त ओ कान्हा तुम तो हो सबके प्यारे कान्हा। त
प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग, प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग,
किन्तु फिर भी मुझे उसके मैसेज का इंतजार है, इंतजार है, इंतजार है ज़मीन की धड़कन संग। किन्तु फिर भी मुझे उसके मैसेज का इंतजार है, इंतजार है, इंतजार है ज़मीन की ...
अगर मैं कहूं , मैं सिर्फ तुम्हारी हूं , तुम मान पाओगे क्या .....? अगर मैं कहूं , मैं सिर्फ तुम्हारी हूं , तुम मान पाओगे क्या .....?
वो एहसास अपने बदन का ,मुझे फिर से दे दो ना यार। वो एहसास अपने बदन का ,मुझे फिर से दे दो ना यार।
यूं बहता मन का समन्दर ,,बस बहती ही जा रही हूं। यूं बहता मन का समन्दर ,,बस बहती ही जा रही हूं।
यह ढाई अक्षर की आवली वैसी नहीं जो निकलती है सड़क किनारे लगे भण्डारे की दुकान से। यह ढाई अक्षर की आवली वैसी नहीं जो निकलती है सड़क किनारे लगे भण्डारे की दुकान स...
टिमटिमाते तारों की रोशनी में अक्सर तुम नज़र आ जाते हो टिमटिमाते तारों की रोशनी में अक्सर तुम नज़र आ जाते हो
चाहती हूं ये बरसात कभी खत्म न हो चल कुछ ऐसी एक योजना बना दूं , चाहती हूं ये बरसात कभी खत्म न हो चल कुछ ऐसी एक योजना बना दूं ,
सुरभित समीर के छूने से, गहन - अंध मिट जाते हैं. सुरभित समीर के छूने से, गहन - अंध मिट जाते हैं.
जब तेरी मेरी हथेलियाँ पहली बार मिली थी जब तेरी मेरी हथेलियाँ पहली बार मिली थी