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डिंपल कुमारी

Tragedy

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डिंपल कुमारी

Tragedy

मैं अनाथ

मैं अनाथ

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मैं अनाथ

मैं अनाथ,मेरा जीवन अनाथ।

ना किसी की छांव ,ना किसी का छाया ।

ना बचपन ,ना खिलौना,

बस किसी की जरूरत,

मैं अनाथ ।

नही कोई परिवार मेरा ,

बस बेजान ,गुमनाम सडके अपनी,

राह ना जाने कैसी ,

उम्मीदों का मंजर बस धुंधला ,

मैं अनाथ।

मैं अनाथ,

अमीरों की अमीरी देखी ,

गरीब की गरीबी,

बस ना देख सका

अनाथ को।

ना मिले किसी को किस्मत ऐसी ,

क्योकि मैं अनाथ,

मैं अनाथ।


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