कठपुतलियां हम रंग मंच की वो हम सब से है खेलता। कठपुतलियां हम रंग मंच की वो हम सब से है खेलता।
वो खुशनसीब हैं जिनके पास है परिबार जो कोई है अनाथ क्या वो खुद हैं अपने हालात के जिम्मेदार... वो खुशनसीब हैं जिनके पास है परिबार जो कोई है अनाथ क्या वो खुद हैं अपन...
अब हमें भी मौका मिल गया , हम ऑर्केस्ट्रा बजा के शमां को बांधेंगे ! अब हमें भी मौका मिल गया , हम ऑर्केस्ट्रा बजा के शमां को बांधेंगे !
खुशबू का मालिक मैं, हूँ सबका प्यारा; धूल के टुकड़े तुझ पर, कोई न तेरा सहारा... खुशबू का मालिक मैं, हूँ सबका प्यारा; धूल के टुकड़े तुझ पर, कोई न तेरा सहारा...
संग निभाते काम को, खुश है वो परिवार। भेद-भाव तो दूर ही, रहते कोस हजार।। संग निभाते काम को, खुश है वो परिवार। भेद-भाव तो दूर ही, रहते कोस हजार।।
उसकी झोली के सारे दुख मेरी झोली में पड़े रहे। उसकी झोली के सारे दुख मेरी झोली में पड़े रहे।