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बोधन राम निषाद राज

Inspirational

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बोधन राम निषाद राज

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स्वर्ग का द्वार

स्वर्ग का द्वार

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मातु-पिता के संग में, बना स्वर्ग सा धाम।

धन्य होत परिवार का, विश्व पटल में नाम।।


संग निभाते काम को, खुश है वो परिवार।

भेद-भाव तो दूर ही, रहते कोस हजार।।


मातु-पिता जिनके ह्रदय, बने उसी के काम।।

पकड़ चला जो तर्जनी, पाते सफल मुकाम।।


नहीं दूर जाना कभी, छोड़ सदा परिवार।

सर पे जिनके हाथ हैं, वहाँ स्वर्ग का द्वार।।


छाया बनकर साथ में, रहते हर पल साथ।

इनके रहते क्यों भला, हम जो हुए अनाथ।।


मातु-पिता भगवान हैं, हो चरणों में ध्यान।

पालक को मत भूलना, पालक ही वरदान।।



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