गुल्लक
गुल्लक
बचपन मे पैसे बचाने की आदत डालने को ।
पापा ने लाकर दी मुझे एक प्यारी सी गुल्लक ।।
उत्सुकता वश मैने भी अपनी गुल्लक भर डाली।
भर गयी फोडी उससे फिर नयी साइकिल पा ली।।
बङा हुआ विद्यालय मे गुरुजन ने हमे बताया ।
अच्छे विचार समय का संचय करना सिखलाया ।।
उचित समय पर उचित काम कर हमने दिखलाया।
ज्ञान समान न बस्तु और हमने उसको है पाया।।
सद्कर्मो का संचय ही यश मान मोक्ष दिलवाता ।
संचय सुख का हेतु करे जो कभी नही पछताता ।।