मां जन जन का उद्धार करो
मां जन जन का उद्धार करो
संयम त्याग तपस्या पूजा ,
की सुन्दर वेला है आई ।
भक्तिपूर्वक नव रातों में ,
सबने मां से प्रीति लगाई ।।
शैलपुत्री मां मेरे इरादे ,
शैल से तुम मजबूत करो।
ब्रह्मचारिणी ब्रम्हचर्य व्रत ,
से मुझको परिपूर्ण करो ।।
चन्द्र घण्टा मां शीतलता दो ,
कूष्मांडा मम कल्याण करो ।
स्कन्द मातु दे नेह प्रेम को ,
शत्रु मां कात्यायनी नष्ट करो ।।
कालरात्रि दुष्टों की वन मां ,
काली सा तुम संहार करो ।
महागौरी प्रभुता दो सबको ,
जन जन का उद्धार करो ।।
हृदय दुर्ग से मेरे मां दुर्गे ,
अज्ञान तिमिर का नाश करो।
सन्तुष्टि और सुख दे जीवन में ,
सब जीवों का कल्याण करो ।।