हमारा मित्र
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मित्र हमारा सुख का साथी ,
दुख में बढकर मदद करे ।
भाई सा वह हमको प्यारा ,
सदा ह्रदय में बास करे ।।
गलत मार्ग से हटा के हमको ,
सीधा सच्चा पथ दिखलाए ।
पाप ह्रदय से सकल मिटाकर ,
जीवन फूलों सा महकाए ।।
सदा हमारा हित ही सोचे ,
करे अहित न कभी कहीं ।
संकट आए तुरत बचाए ,
करता बस हित चिंतन ही ।।
कभी भेद मन मेें जो उपजे ,
मिलकर हम हैं सुलझाते ।
डोर दोस्ती की नहीं टूटे ,
हम सब वचन निभाते ॥
कृष्ण सुदामा सी यारी है ,
अपनी अनुपम प्यारी ।
नहीं हीन भावना दिलों में ,
खुद्दारी हमको प्यारी ।।