संगठन में शक्ति
संगठन में शक्ति


मेरे साथियों तुम सदा मिल के रहना।
प्रेम धागे से बंध मोतियों सा दमकना।।
सदा से ही इतिहास देता है गवाही ।
संगठन में ही है शक्ति रहती समाई ।।
घर देश में फूट जब - जब हुई है ।
आंधी अशान्ति की तब तब चली है ।।
सुख चैन धन मान सब है नसाया ।
उन्नति रुकी हाथ बस दुख ही आया ।।
सदा प्रेम से मिल सब जन रहो जो ।
अरमान टूटेंगे दुष्टों ने पाले जो ।।
उन्नत जीवन सुखी हो सभी जन ।
हो क्लेश दुख किसी के नहीं मन ।।
मिल बांट लें चाहें खुशियां हो या गम ।
हैं अपने सभी गैर का हो नहीं भ्रम ।।
मेरे साथियों तुम सदा मिल के रहना ।
चन्दा औ सूरज सा हरदम चमकना ।।