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Nand Kumar

Inspirational

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Nand Kumar

Inspirational

मां

मां

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मां ही जीवन शीतल छाया ,

मां की जग में सारी माया ।

मां से मिली है सुन्दर काया ,

मां का सब में नूर समाया ।।


मां ही ईश्वर भाग्य विधाता ,

अतुलनीय है मां से नाता ।

मां का जो दिल नहीं दुखाता ,

उसका जन्म सफल हो जाता ।।


मां ही सहायक मां ही शिक्षक ,

सबकी रक्षक संतति पोषक ‌।

परम हितैषी मधुर भाषिणी ,

जीवन का हर पहलू रोचक ।।


फ़र्ज़ निभाती ख्वाब सजाती ,

हर दुख अभाव में मां जीती।

कभी मिटेगी दुख की रजनी ,

इसी आश में है वह हंसती ।।


मां की महिमा कही न जाए ,

मां का प्यार है मन को भाए ।

पिता गगन तो मां है धरणी ,

मां ही है हम सब की जननी ।।





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